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"फिज़ा" एक गज़ल

"फिज़ा" एक गज़ल by
रोहित कुमार "मधु"

किताब के बारे में...

यह एक ग़ज़ल संग्रह है जिसमे में काफ़ी छोटी उम्र में मोहब्बत के मोहल्ले से गुजरते हुए शाइर ने कुछ कहने का प्रयास किया है, गजले है 11 - 12 कक्षा में मोहब्बत के आंगन में खिलती हुई नई कलियों की, तिलियो की, भॅंवरो की, जो की अब इस समय संसार में जीवन व्यापन हेतु धन एकत्रित करने की इक्शा से अलग-अलग शहरो में संघर्ष रत है, फूल अपनी तितलियों से दूर है, तितलियां अपने फूलो से, परंतु यह वेदना जन्म दे रही है संवेदना को, शायरी को।

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"फिज़ा" एक गज़ल
Udgivet:

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