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मृत्यु का भय-Fear Of Death

मृत्यु का भय-Fear Of Death
Today we are writing short stories in Hindi. These stories are only for kids and also written in that lucid language. These Hindi stories with morals may also be useful for teachers.
किसी नगर में एक व्यक्ति रहता था उसने परदेश जाकर खूब धन अर्जन किया। उसकी गिनती सेठों में होने लगी। जीवन आनंद पूर्वक व्यतीत होने लगा। एक दिन उसका एक सम्बंधी आया। लाखों की सम्पति पर उसकी नज़र लग पड़ी। बातचीत के क्रम में उसने कहा कि उसके यहां के एक धनी सेठ का निधन हो गया बेचारे की लाखों की सम्पति धरी की पड़ी रह गई। अब सेठ को अपनी मौत की चिंता सताने लगी। है ,मौत आएगी उसे ले जायेगी और सब कुछ यहीं छूट जाएगा। चिंता से उस सेठ का देह सूखने लगा। देखने वाले हैरान थे की इतनी सुख सम्पदा के बाबावजूद सेठ की दयनीय हालत हो गई है। वह मन की व्यथा किस्से कहे। धीरे -धीरे उसने बिस्तर पकड़ लिया। रोग बढ़ने लगा। काफी इलाज चला पर वह स्वस्थ नहीं हो सका। एक दिन एक साधू उसके घर पर आया। उस आदमी ने बेबसी में उस साधू के पैर पकड़ लिए और अपनी व्यथा सुनाई। साधू यह सुनकर हंस पड़ा। स्वामीजी ,इसका क्या इलाज है ? सेठ ने पूछा . साधू ने कहा — देखो मौत का जब विचार आये ,तब जोर से कहना जब तक मौत नहीं आएगी तब तक जीवूँगा इस नुस्खे को सात दिन आजमाओ .मैं अगले सप्ताह आऊंगा . हाँ ,एक बात और ,नेक काम और दान कभी नहीं छोड़ना। सात दिनों बाद जब साधू आये तब देखते है कि सेठ बीमारी के चंगुल से बाहर आ गया है। वह दौड़ा आया और साधू के चरणो में गिरकर कहा -महाराज आपने मुझे बचा लिया। आपकी दवा ने तो मुझपर जादू सा असर किया है। साधू ने कहा -वत्स ,मौत का भय सबसे बड़ा भय है वह जितना को मारता है ,मौत उतना को नहीं मारती। और आज का सुविचार -जिंदगी में धोखा मिले तो उदास मत होना ,बल्कि शुक्र मनाओ कि किसी दोगले इंसान से पीछा छूटा। जो जिंदगी का कश्मकश समझ गया वो खामोश हो गया ,नादाँ है वे लोग जो बिना बात के बहस करते हैं | एक बार किसी ने सोनू से पूछा -पढाई कैसी चल रही है ?सोनू ने जवाब दिया ,अंकल ,समंदर जितना सिलेबस है ,नदी जितना पढ़ पाते हैं , बाल्टी भर याद होता है ,चुल्लू भर नंबर आते हैं ,उसी में डूबकर मरजाते हैं। आमंत्रण और निमंत्रण में फर्क अगर आपको किसी के द्वारा आमंत्रित किया गया है तो आप फुर्सत मिलने पर जा सकते हैं। इसमें कोई निश्चित तिथि और समय की बाध्यता नहीं है , निमंत्रण मिले तो इसका अर्थ आग्रहपूर्वक बुलाने का है।
So, it is the best short story in Hindi with moral to let of the ego and the false pretenses and just make sure that you love without regrets and seize the day to live the fullest.
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मृत्यु का भय-Fear Of Death
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